मिथिला में तीला-सक्रैत पावैनक ओरियान


अपन मिथिला सर्वश्रेष्ठ मिथिलाक जार में मैथिल स्त्री
तीला-सक्रैत पावैनक ओरियान में लागल छथि। बड ओरियान
होई छैक चूड़ा मुड़ही गूड़ तील आदि हाट-बजार सौं अना वा
चूड़ा कुटि मुड़ही भुजि सब अंगना में चुरलाई मुरलाई तिलबा
आदिक संगठन में अस्तव्यस्त छथि।सब पावैन एक दू दिन में भय
जाई अछि किन्तु तीला-सक्रैत पावैन में बनल चीज भरि जार
मैथिल लोकनि भोर साँझ बड सुवाद सौं पनपियाई करै छथि
खासकऽ बौआ-बुच्ची सबके त अहि पावैनक बनल सामग्री बड
रूचै छनि।सीरके तर में कियो चुरलाई तिलबाक आनन्द लैत छथि त
कियो बाबाक घूर लग बैसि।मैथिल माय सब भरि जारक जलखै
से निश्चिंत रहै छथि धियापुता जलखै मंगलक त मुरलाई हाथ में द
देली, कनितो बच्चाक हाथ में गोलगोल मुरलाई भेटलाक बाद
हुनक क्रन्दन हंसी में बदलि जाई छनि।जारक मास में पाचनतंत्र
कनि ठीक सेहो रहै छैक तें कनि बेसियो खेला सौं दुष्प्रभाव नै
परै छैक। नवका धान भेला सौं गरीबो मैथिलक अहि पावैन में
बेसी परेशानी नहिं रहै छनि।कतेक अंगना में दस दिन पूर्वहि सौं
चिलौर सब बनय लगैत अछि त कियो बना रहल छथि जिनका
अहिठाम देरी भल जाई छनि नेना सब माँ मैंञा के तंग करय लगै
छथिन जे गै तू कहिया बनेबही सब बनेलकै तखन हुनको घर में बनल
आ नेना सब आनन्दित भय गेल आ चुरलाई बनैत काल "जय हनुमान
बज्जर बांग" केर नारा सौं चिलौर के मजबूती प्रदान करै छथि
जाहि से भहरल नहिं सक्कत भेल।आकार-प्रकारक तिलबा देखै में
बड सुहनगर लगै छैक आ खाई में त जुनि पूछू।

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